न जाने कब

न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला….! . . . वो लम्हे , जो छुपाकर रखे थे “जीने के लिए”…!!

ये उम्मीद नही थी.

मुझे किसी के बदल जाने का गम नही है, बस कोई था जिससे ये उम्मीद नही थी..!!

मर्यादा तोड़े तो

पानी मर्यादा तोड़े तो “विनाश” “और” वाणी मर्यादा तोड़े तो “सर्वनाश”

मीठा बोलने वाले

मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंख मारने से नहीं चुकती इसलिए होंशियार रहें… बहुत मीठा बोलने वाले भी ‘हनी’ नहीं ‘हानि’ दे सकते है

बिछड़ गयी ज़िन्दगी

वो मुझ से बिछड़ी तोह बिछड़ गयी ज़िन्दगी मुझसे, मैं ज़िंदा तो रहा मगर जिन्दो में ना रहा………….

मोहब्बत डूब गयी

ये साहिल पर बिखरे हुए फूल उफ्फ्फ न जाने आज फिर किसकी मोहब्बत डूब गयी………

दिखती भीड़ है

अजीब तरह के, इस दुनीयाँ में मेले है… ! दिखती भीड़ है और, चलते सब अकेले है… !!

मोहलत लेकर आयेंगे

वादा करते हैं दोस्ती निभाएंगे कोशिश यही रहेगी तुझे ना सताएँगे ज़रूरत पड़े तो दिल से पुकार ना मर भी रहे होंगे तो मोहलत लेकर आयेंगे

लगे है जैसे

लगे है जैसे खूबसूरत शमा पर -ज़ोर है , ढूंढा तोह पाया आपकी है ये मिठास जो आज के दिन एक चॉकलेट की तरह … मीठी और छायी हर और है .. चॉकलेट का मीठा दिन मुबारक हो

काम जरूर करना

अगर मरने के बाद भी जीना चाहो तो एक काम जरूर करना…… पढने लायक कुछ लिख जाना या लिखने लायक कुछ कर जाना…

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