वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, इसकी आदत भी आदमी सी है.
Category: शर्म शायरी
मुझे दर्द दिया है!
नफरत ही सही तुमने मुझे कुछ तो दिया है! इतनी बड़ी दुनिया में मुझे तन्हा किया है! मैं तुमसे शिकायत भी यार कर नही सकता, रब ने ही वसीयत में, मुझे दर्द दिया है! तुम मुझको आंसुओं की, ये बूंदें न दिखाओ, मैंने तो आंसुओं का समुन्दर भी पिया है! जाने क्यूँ दर्द ज़ख्मों से… Continue reading मुझे दर्द दिया है!
इश्क में हूँ
मैं वो हूँ जो आँखों में आँखे डाल के सच जान लेता हूँ, इश्क में हूँ बस इसलिए तेरे झूठ भी सच मान लेता हूँ !
आदते बुरी नही
आदते बुरी नही हमारी बस थोडे शौक उँचे है वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही, की हम देखे और वो पूरा ना हो हम बादशाहो के बादशाह है, इसलीए गुलामो जैसी हरकते नही, नोटो पर फोटो हमारा भी हो सकता, पर लोगो की जेब मे रहना हमारी फीतरत नही
ऐसा भी नहीँ है
ऐसा भी नहीँ है कि, .. मैँ जिँदगी नही जिया हुँ . . . . मैने भी उङाई है पॉलिथीन, … तेज़ आँधी मेँ धागा बाँधकर . . .
इतना गुमान न कर
अपनी जीत का इतना गुमान न कर बेखबर, शहर मे तेरी जीत से ज्यादा मेरी हार के चर्चे हैं
छोटी छोटी बातें
छोटी छोटी बातें दिल में रखने से बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं
खुश नहीं आजकल
तेरी नाराजगी वाजिब है… दोस्त,….! . . . . मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल,….!!
राज़ की बात है
कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी; राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं।
बेमोल मुस्कुराते हुए..
सब ढूंढ़ते रहे मुझमें….मुनाफे की वजह… करता रहा सौदे मैं ,बेमोल मुस्कुराते हुए…!!