यूँ असर डाला है मतलब-परस्ती ने दुनियाँ पर कि, हाल भी पूछो तो लोग समझते हैं, कोई काम होगा. ..
Category: शर्म शायरी
मुकम्मल इश्क की
मुकम्मल इश्क की तलबगार नहीं हैं आँखें… थोडा-थोडा ही सही.. तेरे दीदार की चाहत है…
अब ना करूँगा
अब ना करूँगा अपने दर्द को बयाँ किसीके सामने, दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यूँ करना !!
तू बात करने का मौका
तू बात करने का मौका तो दे तेरी कसम, रूला दूंगा तुजे तेरी ही गलतियाँ गिनाते गिनाते…
रात भर तारीफ मैँने की
रात भर तारीफ मैँने की तुम्हारी चाँद इतना जल गया सुनकर कि सूरज हो गया…..!!
अच्छे थे तो किसी ने
अच्छे थे तो किसी ने हाल तक नहीं पूछा……!! बुरे बनते ही देखा हर तरफ अपने ही चर्चे है….
ज़िन्दगी की हकीकत
ज़िन्दगी की हकीकत को बस इतना जाना है..!!. दर्द में अकेले हैं और ख़ुशी में जमाना है..!!
गगन तेरे लिए हूं
गगन तेरे लिए हूं मैं जमी मेरे लिए है तू। हकीकत और ख्वाबों में ख़ुशी मेरे लिए है तू। जमाना बेरहम है पर हकीकत जान ले ये भी, बना तेरे लिए हूं मैं बनी मेरे लिए है तू।
बंधी है हाथ पे
बंधी है हाथ पे सब के घड़ियाँ मगर, पकड़ में एक भी लम्हा नहीं..
उसे देखता ही
वो शायद किसी महंगे खिलौने सी थी… मैं बेबस बच्चे सा उसे देखता ही रह गया…