जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आँखें दिल कहता है उनको भी मैं याद आता हूँ
Category: वक्त-शायरी
मोहोबत दिल में
मोहोबत दिल में दोनों के लिए यकसां है कभी हम हाथ में गीता,कभी कुरआन लेते हैं।
तेरे वादों ने हमें घर से
तेरे वादों ने हमें घर से निकलने न दिया, लोग मौसम का मज़ा ले गए बरसातों में|
तुम्हारे बाद क्या रखना
तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई, तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना |
ज़ख़्मों के बावजूद
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख…. तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
आग पर चलना पड़ा है
आग पर चलना पड़ा है तो कभी पानी पर गोलियां खाई हैं फ़नकारो नै पेशानी पर
खुबसूरती से धोका ना खाईए
खुबसूरती से धोका ना खाईए साहब… तलवार कितनी भी खुबसूरत हो मांगती तो खून हि है…
हर आरज़ू मेरी ख़त्म हुई
हर आरज़ू मेरी ख़त्म हुई एक जुस्तजू पे आकर………!फिर चाहे इंतज़ार-ए-इश्क़ हो; या हो दीदार तेरा……….!!
काग़ज़ी फूल भी
काग़ज़ी फूल भी महकते हैं… कोई देता है जब मोहब्बत से..!!!
मुझे तूं कुछ यूँ चाहिए…..
मुझे तूं कुछ यूँ चाहिए…… जैसे रूह को शुकुन चाहिए.