एक था राजा, एक थी रानी, दोनों मर गए, खत्म कहानी कुछ याद आया, सबने भूतकाल में सुना होगा ! अब भविष्य की सुनो कोख से बेटी, धरती से पानी दोनों मिट गए, खत्म कहानी………
Category: लव शायरी
सूकून ऐ जन्नत
सूकून ऐ जन्नत इस दुनिया मैं कहां, फूरसत तो तुझे मौत ही देगी |
लोग गिरते नहीं थे
लोग गिरते नहीं थे नज़रों से..!! इश्क़ के कुछ उसूल थे पहले..
अजीब खेल रचाया है…..
पानी ने भी क्या अजीब खेल रचाया है…..! “जिसके खेत सूखे-सूखे से थे “पानी” उसी की आखों में नज़र आया है….!
अपने ही अपनों से
अपने ही अपनों से करते है, अपनेपन की अभिलाषा.. पर अपनों नें ही बदल राखी है, अपनेपन की परिभाषा….
मौत मेरी हो गयी
मौत मेरी हो गयी किसने कहा झूंठ है आकर सरासर देख लो
किसी दिन हाथ धो
किसी दिन हाथ धो बैठोगे मुझसे.. तुम्हे चस्का बहुत है बेरुखी का..
देहरी पर टकटकी लगाये
देहरी पर टकटकी लगाये सोच रही माँ बच्चे छोड़ गए अब मुझे प्यार से कौन सताएगा |
लहजे में मिठास
लहजे में मिठास और चेहरे पर नकाब लिए फिरते है, खुद के खाते बिगड़े है, फिर भी दूसरों का हिसाब लिए फिरते है..!
मिटटी महबूबा सी
मिटटी महबूबा सी नजर आती है गले लगाता हूँ तो महक जाती है ।।