पाँव लटका के

पाँव लटका के दुनिया की तरफ . . . . आओ बैठे किसी सितारे पर . . . .

दिल को जो मेरे ले गया

दिल को जो मेरे ले गया, उसकी तलाश क्या करूँ जिसने चुराया दिल मेरा, वो तो मेरी नज़र में है|

चुप तुम थे

चुप तुम थे चुप हम भी रहे ना जाने कैसे ये किस्सा आम हो गया……………..

हंसने पे भी

हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |

पूरी दुनिया से

पूरी दुनिया से जुदा सा है वो, हम जिसे चाहते हैं खुदा सा है वो ।

आजमाया है आज फिर

आजमाया है आज फिर हवाओं ने तो गिला कैसा वो कौन सा दौर था जब आंधियो ने चिरागों के इम्तिहान ना लिए..

बग़ैर पूछे मेरे

बग़ैर पूछे मेरे सर में भर दिया मज़हब। मैं रोकता भी तो कैसे कि मैं तो बच्चा था॥

क्यूँ न कुछ इस तरह

क्यूँ न कुछ इस तरह ये ज़िंदगी हो जाए मैं हर्फ़ हो जाऊँ और तू लफ्ज़ बनकर मुझमें उतर जाए !

शब्द ही एसी चीज है

बोले गए शब्द ही एसी चीज है जिसकी वजह से इंसान, या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है !!

हाथ गर खाली हो

हाथ गर खाली हो, तो ये ध्यान रखना … घर जो लौटो, तो होठों पर मुस्कान रखना ..

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