वाह रे जिन्दगी ! भरोसा तेरा एक पल का नहीं; और नखरे तेरे, मौत से भी ज्यादा ।
Category: लव शायरी
उसी का शहर
उसी का शहर, वही खुदा और वहीं के गवाह… मुझे यकीन था, कुसूर मेरा ही निकलेगा |
आज भी नहीं
आज भी नहीं बदली है वो आदत मेरी, तेरी याद मैं रोटियाँ आज भी जला देती हूँ।।
मेरा होकर भी
मेरा होकर भी गैर की जागीर लगता है,दिल भी साला मसला-ऐ-कश्मीर लगता है…
समझा दो अपनी यादों को
समझा दो अपनी यादों को तुम ज़रा… दिन-रात तंग करती हैं कर्ज़दार की तरह….
मैं अपने दिल को
मैं अपने दिल को ये बात कैसे समझाऊँ कि किसी को चाहने से कोई अपना नहीं होता..
जो मिलते हैं
जो मिलते हैं, वो बिछड़ते भी हैं, हम नादान थे…!! एक शाम की, मुलाकात को, जिंदगी समझ बैठे…!!
बेचैन निकलने को है
बेचैन निकलने को है, हसरत का जनाज़ा । है आखिरी मौक़ा, तुझे आना है तो आजा ।।
प्यार अधूरा ही रहता है
मैंने कहा प्यार अधूरा ही रहता है अक्सर वो हँसते हुए बोली पूरा करके खत्म नहीं करना है मुझे.!!
काश के वो लौट आये
काश के वो लौट आये मुझसे ये कहने , की तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले ??