इक नजर देख लेना

न भूलेगा वह वक्ते-रूखसत किसी का.. मुझे मुड़के फिर इक नजर देख लेना..!

उनको भी देख लूँ

देखे हैं इतने ख्वाब की अब अपने रू-ब-रू.. उनको भी देख लूँ तो समझता हूँ ख्वाब है..!

पास आ बैठे

दो घड़ी वो जो पास आ बैठे.. हम जमाने से दूर जा बैठे..!

मैं नहीं जानता

दिले-नादाँ तुझे हुआ क्या है, आखिर इस दर्द की दवा क्या है, हम हैं मुश्ताक और वो बेजार या इलाही ये माजरा क्या है? हम भी मुंह में जुबान रखते हैं, काश पूछो कि मुद्दआ क्या है, हमको उनसे वफा की है उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है जान तुम पर निसार करता हूँ,… Continue reading मैं नहीं जानता

जरुरत से ज्यादा

जरुरत से ज्यादा अच्छे बनोगे ….! तो जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल किये जाओगे ।।

जमाने की नजर में

जमाने की नजर में, थोड़ा सा अकड़कर चलना सीख ले ऐ दोस्त….. मोम जैसा दिल लेकर फिरोगे तो, लोग जलाते ही रहेंगे….

ख़ाक से बढ़कर

ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती छोटी मोटी बात पे हिज़रत नहीं होती,., पहले दीप जलें तो चर्चे होते थे और अब शहर जलें तो हैरत नहीं होती!!

मै खुश तो हूँ

कही दर्द की झीले, तो कही लहजे की करवटेँ.. उससे कहना मै खुश तो हूँ, मगर मेरा हर लफ़्ज रोता है..!

बेरूख़ी न दिखाओ

बेरूख़ी न दिखाओ के रात जाती है नक़ाब रुख़ से उठाओ के रात जाती है वो एक शब के लिए मेरे घर में आए हैं सितारे तोड़ के लाओ के रात जाती है तुम आये हो मैं ये कहता हूँ तुम नहीं आये मुझे यकीन दिलाओ के रात जाती है चराग-ए-दिल के उजाले को तुम… Continue reading बेरूख़ी न दिखाओ

यहाँ के कर्म

उस जहाँ की खरीदारी से पहले अपने यहाँ के कर्म तोल लीजिए

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