मुझे ही पाए

जाए जहाँ तू जाए…. पाए मुझे ही पाए….

कुछ बन जाऊ

माना की आज इतना वजुद नही हे मेरा पर… बस उस दिन कोई पहचान मत निकाल लेना जब मे कुछ बन जाऊ…

शायरी कि जुँबा

लगने दो आज महफिल …. शायरी कि जुँबा में बहते है …. . तुम ऊठा लो किताब गालिब कि …. हम अपना हाल ए दिल कहते है

शिकायत नहीं कर सकते

शिकवा तो बहुत है मगर शिकायत नहीं कर सकते मेरे होठों को इज़ाज़त नहीं तेरे खिलाफ बोलने की

तुम्हारी बेरुखी भी

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा.., जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!

काला टीका लगा दूँ

जब भी देखता हूँ तेरी मोहब्बत की पाकीज़गी दिल करता है तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ…

शिकायत तुम्हे वक्त से

शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी, कि मुहब्बत सामने थी, और तुम दुनिया में उलझी रही

मत कहो लुट जाओगे

दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत

सुबह हो जाती है

रात होते ही,तेरे ख़यालों की सुबह हो जाती है|

सुरमा सहा ना जाए

काजल लागे किरकरो,और सुरमा सहा ना जाए । जिन नैनां में तू बसे, दूजा कौन समाये…

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