यकीन करो। जो भूल चुका है तुम्हें वो भी याद करेगा बस, उसके मतलब की दिन आने दो।
Category: बेवफा शायरी
सच को तमीज नहीं
सच को तमीज नहीं बात करने की। झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है।
उम्दा सारी आदतें
उम्दा सारी आदतें, फूटे हुए नसीब। कच्चे धागे से हुई, माला बेतरतीब।।
सच का जवाब नही
ज़ायके में थोडा कड़वा है वर्ना सच का जवाब नही|
अलविदा कहते हुए
अलविदा कहते हुए जब मैंने मांगी उससे कोई निशानी वो मुस्कुरा के बोले मेरी जुदाई ही काफ़ी हैं तुझे रुलाने के लिए..!!
तुम आ गए हो
तुम आ गए हो तो अब आइना भी देखेंगे… अभी अभी तो निगाहों में रौशनी हुई है…!!!
ना कोई ख्वाहिश..
ना कोई ख्वाहिश.. …….ना कोई आरजू.. थोड़ी बेमतलब सी है जिंदगी.. फिर भी जीना अच्छा लगता है..।
वो एक रात जला……
वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!! हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
हर धड़कते पत्थर को
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में…
तेरी याद ने
तेरी याद ने जख्मो से भर दिया सीना..!! हर एक साँस पर शक है आखिरी होगी..!!