मनमौजी दिल का

मनमौजी दिल का सरल, मानव रहे प्रसन्न। तुनक़मिजाज़ी आदमी, रहता हरदम सन्न।।

बहुत सोचना पड़ता है

बहुत सोचना पड़ता है अब मुँह खोलने से पहले,, क्यूंकि अब दुनियाँ दिल से नहीं दिमाग से रिश्ते निभाती है …!!

मेरी जिन्दगी को

मेरी जिन्दगी को अधूरा कर दिया । वाह रे मोहब्बत तुने अपना काम पूरा कर दिया।

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं, अपना “गांव” छोड़ने को !! वरना कौन अपनी गली में, जीना नहीं चाहता ।।

शायर होना भी

शायर होना भी कहाँ आसान है, बस कुछ लफ़जों मे दिल का अरमान है, कभी तेरे ख्याल से महक जाती है मेरी गज़ल, कभी हर शब्द परेशान है….

एक नींद है

एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती, और एक जमीर है जो हर वक़्त सोया रहता है।

अभी ज़रा वक़्त है

अभी ज़रा वक़्त है, उसको मुझे आज़माने दो…. वो रो रोकर पुकारेगी मुझे, बस मेरा वक़्त तो आने दो….

एक सवाल पूछती है

एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर… मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर…

ज़िंदगी हो या कुछ और..

ज़िंदगी हो या कुछ और.. संभालने का हुनर ही तो मायने रखता है !!

लहजे में बदजुबानी

लहजे में बदजुबानी, चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं… जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हैं वो मेरा हिसाब लिए फिरते हैं !!

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