देर तक सीने पे

देर तक सीने पे मेरे सर रख कर तुम रोई थी.. मेरे बिन क्या जी लोगी…बस इतना ही पूछा था..

तुमको तो तुम्हारी ये नजर

तुमको तो तुम्हारी ये नजर ले बैठेगी हमको ये मोहब्बत बेखबर ले बैठेगी

ये सगंदिलो की दुनिया है

ये सगंदिलो की दुनिया है,संभलकर चलना गालिब, यहाँ पलकों पर बिठाते है, नजरों से गिराने के लिए…

कभी मुझसे खफ़ा

कभी राजी तो कभी मुझसे खफ़ा लगती है ……… जिंदगी तू ही बता , तू मेरी क्या लगती है

जिन्हे आना है

जिन्हे आना है वो खुद लौट आयेंगे तेरे पास ए दोस्त,बुलाने पर तो परिंदे भी गुरुर करते है अपनी उड़ान पर !!

किस जगह रख दूँ

किस जगह रख दूँ मैं तेरी याद के चराग़ को कि रोशन भी रहूँ और हथेली भी ना जले।

मेरे मरने पर

मेरे मरने पर किसी को ज़यादा फर्क ना पड़ेगा.. बस एक तन्हाई रोएगी की मेरा हमसफ़र चला गया..

तमन्ना बस इतनी है

तमन्ना बस इतनी है अफ़सोस हो तुम्हें.. छोड़ा है तुम ने बहुत आसानी से मुझे..

हम जिनसे प्यार करते है

हम जिनसे प्यार करते है उनसे नाराज हो सकते है, लेकिन नफ़रत कभी नहीं कर सकते !!

यहां गरीबों को

यहां गरीबों को मरने की जल्दी इसलिए भी है.. के जिंदगी की कशमकश में कफन महँगा ना हो जाएँ..

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