जो मांगू वो दे दिया कर…ऐ ज़िन्दग़ी …!! तू बस…मेरी माँ की तरह बन जा…
Category: पारिवारिक शायरी
मुफ़्त में सिर्फ
मुफ़्त में सिर्फ माँ -बाप का प्यार मिलता है। उसके बाद हर रिश्ते की कीमत चुकानी पड़ती है ।।
वो अनजान चला है
वो अनजान चला है ईश्वर को पाने की खातिर.. बेख़बर को इत्तला कर दो की माँ-बाप घर पर ही है……….
MOTHER का M ही
MOTHER का ‘M’ ही महत्वपूर्ण है । क्योंकि ‘M’ के बिना बाकी सब OTHER है ।
बात करने से ही
बात करने से ही बात बनती है.. बात ना करने से, बातें बन जाती है ..!
बेशक ही वो शतरंज
बेशक ही वो शतरंज में माहिर रहे होंगे क्योंकि उनकी चाल पर हजारो फ़िदा है
अफवाह थी…कि मुझें
अफवाह थी… कि मुझें इश्क हुआ है… लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया…
तन्हाई लिखते समय
तन्हाई’ लिखते समय तुम मेरे सबसे पास थी
देना हो साथ तो
देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना ऐ दोस्त लम्हों का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी दिया करते है।
ना जिकर करो मेरी
ना जिकर करो मेरी अदा के बारे मे, हम भी जानते है सब कुछ वफा के बारे मे, सुना है वो भी मोहब्बत का शौक रखते है, जिन्हे खबर ही नही कुछ वफा के बारे मे …