लफ़्ज़ों पे वज़न

लफ़्ज़ों पे वज़न रखने से नहीं झुकते मोहब्बत के पलड़े साहिब… हलके से इशारे पे ही ज़िंदगियां क़ुर्बान हो जाती हैं….

जानता था की

जानता था की वो धोखा देगी एक दिन पर चुप रहा.. . क्यूंकि उसके धोखे में जी सकता हूँ पर उसके बिना नहीं…

उसके हाथ की गिरफ्त

उसके हाथ की गिरफ्त ढीली पडी तो महसूस हुआ मुझे। शायद ये वही जगह है, जहाँ रास्ते बदलने हैं|

याद करने की

याद करने की हमने हद करदी मगर….!! भुल जाने मे तुम भी कमाल करते हो…

मौसम जो ये थोड़ा

मौसम जो ये थोड़ा खुश्क हो जायेगा…… न उलझिए हमसे जनाब ,इश्क़ हो जायेगा!!!

जिससे प्यार करो

जिससे प्यार करो ,उसे अगर पा लिया जाये तो इसे किस्मत कहते है, और जो किस्मत में नही है फिर भी उसी से प्यार करो तो इसे मोहब्बत कहते है…..!!!

जीते जी मर जाता है

जीते जी मर जाता है इंसान… जब देखता है अपना प्यार किसी और के साथ…

सबने खरीदा सोना

सबने खरीदा सोना, मैने एक सुई खरीद ली, सपनों को बुनने जितनी डोरी खरीद ली। शौक- ए- जिन्दगी कुछ कम किये, फिर सस्ते में ही सुकून-ए-जिन्दगी खरीद ली।।

अजीब तरह से

अजीब तरह से गुजर रही है जिंदगी, सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ और मिला कुछ !!

उनके साथ जरूर रहो

उनके साथ जरूर रहो, जिनका “वक्त” ख़राब है ॥ पर… उनका साथ छोड़ दो, जिनकी “नियत” ख़राब है ॥

Exit mobile version