कर दुनिया की तरफदारी हम , खुद के खिलाफ हो बैठे हैं ।
Category: जिंदगी शायरी
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का
कोई लफ्ज़ मुहब्बत का, बता दे ऐ दोस्त जो फ़रेब की चादर से लिपटा ना हो…..!!
बस इक हवा का फेर है
बस इक हवा का फेर है वो भी #हवा हो जाएगा मैं सोचता रह जाऊँगा मुझ में ये मुझ सा कौन है
सिर्फ़…. तुम ही हो मेरे
सिर्फ़…. तुम ही हो मेरे मुस्कुराने की वज़ह बाक़ी तो सबको मेरा दर्द पसंद है !!
खौफ अब खत्म हुआ
खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का.. अपनी तन्हाई में हम अब मसरूफ बहुत रहते हैं..
आसमानों से उतरने का
आसमानों से उतरने का इरादा हो तो सुन शाख़ पर एक परिंदे की जगह खाली है
बड़ी जल्दी सीख लेते है
बड़ी जल्दी सीख लेते है जिंदगी का सबक गरीब के बच्चे बात बात पे जिद नहीं करते ||
एक ये ख्वाहिश
एक ये ख्वाहिश कोई ज़ख्म ना देखे एक ये हसरत कोई देखने वाला होता…
मुझे कहाँ से
मुझे कहाँ से आएगा लोगो का दिल जीतना …!! मै तो अपना भी हार बैठा हुँ..
कुछ देर तो हँस लेने दो
कुछ देर तो हँस लेने दो मुझे… हर पल कहाँ उसे मैं भूल पाता हूँ..!!