कौन कहता है हम दुनिंया से खाली हाथ जायेगे ,तेरा नाम रूह पे लिखवा कर आयेगे ॥
Category: जिंदगी शायरी
दो आँखो में…
दो आँखो में…दो ही आँसू.. एक तेरे लिए, एक तेरी खातिर..!!
जिन की यादों से
जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आँखें दिल कहता है उनको भी मैं याद आता हूँ
ज़ख़्मों के बावजूद
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख…. तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
हर आरज़ू मेरी ख़त्म हुई
हर आरज़ू मेरी ख़त्म हुई एक जुस्तजू पे आकर………!फिर चाहे इंतज़ार-ए-इश्क़ हो; या हो दीदार तेरा……….!!
उनका इल्ज़ाम लगाने का
उनका इल्ज़ाम लगाने का अन्दाज़ गज़ब था… हमने खुद अपने ही ख़िलाफ,गवाही दे दी..
मिल सके आसानी से
मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है? ज़िद तो उसकी है … जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं!!!!!
तुझ से दूर रहकर
तुझ से दूर रहकर मोहब्बत बढती जा रही है,क्या कहूँ, केसे कहूँ, ये दुरी तुझे और करीब ला रही है..
सुना था मोहब्बत मिलती है
सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले, हमारी बारी आई तो, रिवाज ही बदल गया|
आए थे मीर ख़्वाब में
आए थे मीर ख़्वाब में कल डांट कर गए, क्या शायरी के नाम पर कुछ भी नहीं रहा….