वो साथ था हमारे या हम पास थे उसके…? वो ज़िन्दगी थी कुछ दिन या थे ज़िन्दगी के कुछ दिन….?
Category: जिंदगी शायरी
खोऐ हुए थे
खोऐ हुए थे सभी अपनी जीन्दगी कि उलझनो मे ! जरा सी जमीन क्या हिली लोगो को खुदा याद आ गया !!!!!!!!
पाना चाहते हैं
अगर आप फूलों को पाना चाहते हैं तो आप को कांटों की चुभन तो सहनी ही पड़ेगी..
कोई मज़बूत सी
कोई मज़बूत सी ज़ंजीर भेजो तुम्हारी याद पागल हो गई है.
शतरंज से भी
जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार होता है, लोग हारते भी है तो अपनी ही रानी से …
जो हमारा प्यार है
जो हमारा प्यार है,उन्हें किसी और से प्यार है, बस हार गऐ हम ये जानकर की जिससे उन्हें प्यार है वो हमारा यार है…
नशे से महकते हैं
अंदर के नशे से महकते हैं लोग बाहर के नशे से बहकते हैं लोग …और जो किसी नशे में बहकता नहीं वह बुद्ध कहलाता है ।।
थोडा हुन्नर दे
तारीफे समझ नही आती है उन्हें । ऐ-खुदा, मेरे प्यार को भी मोहब्बत में थोडा हुन्नर दे ।।
कहीं एक मासूम
कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगा फिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगा अमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा
उलझे हुए है
उलझे हुए है आजकल अपनी उलझनों में… तुम ये ना समझना कि तुम्हें चाहा था बस दो दिन के लिए