गलतफेहमियो के सिलसिले इस कदर है आज कल …
कि जेल से छूटा देशद्रोही भी समझता है कि मै क्रन्तिकारी हूँ…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गलतफेहमियो के सिलसिले इस कदर है आज कल …
कि जेल से छूटा देशद्रोही भी समझता है कि मै क्रन्तिकारी हूँ…