मेरे करीब आकर, वो मुझसे ही दूर बैठे हैं…!!
नज़रों में है हया, फिर भी बा-गुरूर बैठे हैं…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे करीब आकर, वो मुझसे ही दूर बैठे हैं…!!
नज़रों में है हया, फिर भी बा-गुरूर बैठे हैं…!!