एक पागल थी जो मेरी उदासी की भी वजह पूछा करती थी,
पर ना जाने क्यूँ उसे अब मेरे रोने से भी फर्क नहीं पड़ता !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक पागल थी जो मेरी उदासी की भी वजह पूछा करती थी,
पर ना जाने क्यूँ उसे अब मेरे रोने से भी फर्क नहीं पड़ता !!