पगली कहती थी कि वो मेरी रग-
रग से वाकिफ है,
फिर भी मेरे दिल से निकलनेका
रास्ता नहीं ढुढ़ पाई…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पगली कहती थी कि वो मेरी रग-
रग से वाकिफ है,
फिर भी मेरे दिल से निकलनेका
रास्ता नहीं ढुढ़ पाई…!!