तकदीर को कुछ इस तरह से “अपनाया है मैंने ,
जो “नहीं था “तकदीर में ”
उसे भी “बेपनाह चाहा है मैंने ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तकदीर को कुछ इस तरह से “अपनाया है मैंने ,
जो “नहीं था “तकदीर में ”
उसे भी “बेपनाह चाहा है मैंने ।।