बात-बात पे यूँ रुलाया न कर
ऐ-ज़िन्दगी..
जरुरी नहीं सबकी ज़िन्दगी में कोई
चुप कराने वाला हो..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बात-बात पे यूँ रुलाया न कर
ऐ-ज़िन्दगी..
जरुरी नहीं सबकी ज़िन्दगी में कोई
चुप कराने वाला हो..