तुझे जमाने का डर है, मुझसे बात न कर, दिल में कोई और है, तो मुझसे बात न कर ….
Tag: Zindagi Shayri
मैं तुझे चाहकर भी
मैं तुझे चाहकर भी अपना न बना सका, जब मरना चाहा तो तेरी यादों ने मरने भी न दिया |
जन्नत मैं सब कुछ हैं
जन्नत मैं सब कुछ हैं मगर मौत नहीं हैं .. धार्मिक किताबों मैं सब कुछ हैं मगर झूट नहीं हैं दुनिया मैं सब कुछ हैं लेकिन सुकून नहीं हैं इंसान मैं सब कुछ हैं मगर सब्र नहीं हैं|
उस दिल की बस्ती में
उस दिल की बस्ती में आज अजीब सा सन्नाटा है, जिस में कभी तेरी हर बात पर महफिल सजा करती थी।
इस शहर में
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं होठों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं|
उन चराग़ों में
उन चराग़ों में तेल ही कम था क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे|
कभी ये लगता है
कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
खो गई है मंजिलें
खो गई है मंजिलें, मिट गए हैं रस्ते, गर्दिशें ही गर्दिशें, अब है मेरे वास्ते |
मनाने की कोशिश
मनाने की कोशिश तो बहुत की हमनें…पर जब वो हमारे लफ़्ज ना समझ सके.. तो हमारी खामोशियों को क्या समझेंगे|
जब तक बिके न थे
जब तक बिके न थे हम, कोई हमें पूछता न था, तूने खरीद के हमें, अनमोल कर दिया |