पागल नहीँ थे हम जो तेरी हर बात मानते थे… बस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नहीँ लगता था..
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याद कर रहा है
शिद्दत से कोई याद कर रहा है, मुद्दत से ये वहम जाता नही…!
मोल ना पूछना
तुम मुझसे यारी का मोल ना पूछना कभी….. तुम्हें किसने कहा की पेड़ छाँव बेचते हैं..!!!
साँसों की पतंगें
कटी जाती है साँसों की पतंगें हवा तलवार होती जा रही है, गले कुछ दोस्त आकर मिल रहे हैं छुरी पर धार होती जा रही है…!!!
दिल की गली से
उठने दे जो उठता है धुआं दिल की गली से, बस्ती वो कहाँ है जहाँ कोहराम नहीं है…!!!
सजदे करूँ
सजदे करूँ, सवाल करूँ, इल्तजा करूँ। यूँ दे तो पूरी कायनात मेरे काम की नहीं।।
समजे गा वहाँ कौन आदमी
समजे गा वहाँ कौन आदमी को आदमी बंदा जहा ख़ुदा को ख़ुदा मानता नही|
धरो पे नाम
धरो पे नाम थे नमो के साथ ओहदे थे बहुत तलास किया कोई आदमी न मिला
Jise Umer Bhar
Tamam Umer Usi Ke Khayal Mein Guzri Mera Khayal Jise Umer Bhar Nahi Aaya….
उसकी आँखों के
उसकी आँखों के काले घेरे बताते हैं। उसको मुझसे पहले भी किसी ओर से प्यार था ।।