कागज से मात खाई है

सफेद और काले ने क्या बिसात बिछायी है,,,?? कागज ने कागज से मात खाई है

फूल बन जाऊंगा..

फूल बन जाऊंगा.. शर्त ये है मगर.. अपनी जुल्फों में मुझको सजा लीजिए

कुछ तहखानों में

कुछ तहखानों में चाह कर भी अँधेरा भरा नहीं जा सकता… यकीन न आये तो चले आओ मुझमें… मेरे शब्दों का पीछा करते हुए … मध्यम आंच में चाँद सुलगा रखा है…

ज़रा देर बैठे थे

ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में, तेरी याद आँखें दुखाने लगी….!!

पैसों के लिये

पैसों के लिये नाता तोड़ने वाले पैसा छुपाने के लिये रिश्तेदार ढूँढ रहे है।

तुमसे इंसानियत का रिश्ता

तुमसे इंसानियत का रिश्ता , सरकारी गवाहों का मोहताज़ नही मोहब्बत मुल्क की मिट्टी में बसी , सियासत पूरे आवाम की आवाज़ नही ।।

चाहकर भी मेरे

चाहकर भी मेरे लब पर ये फ़रियाद आ जाती है ऐ चाँद, सामने न आ किसी की याद आ जाती है…!!

जब शहर के लोग

जब शहर के लोग न रास्ता दे क्यों वन में ना मैं जा कर ठहरु… दीवानो की सी न बात करे तो और करे दीवाना क्या…

उस हुस्न के सच्चे मोती

उस हुस्न के सच्चे मोती को हम देख सके पर छु न सकें… जिसे देख सके पर छु न सके वह दौलत क्या वह खज़ाना क्या…

अजीब ईत्तेफाक की

अजीब ईत्तेफाक की हमें इश्क हो गया, जिन्दगी अब सितम जाने और क्या देगी…

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