उस हुस्न के सच्चे मोती को हम देख सके पर छु न सकें…
जिसे देख सके पर छु न सके वह दौलत क्या वह खज़ाना क्या…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उस हुस्न के सच्चे मोती को हम देख सके पर छु न सकें…
जिसे देख सके पर छु न सके वह दौलत क्या वह खज़ाना क्या…