किस्मत बुरी या मैं बुरा

किस्मत बुरी या मैं बुरा, ये फैसला ना हो सका; मैं हर किसी का हो गया, कोई मेरा ना हो सका!

जिन्दा रहो जब तक

जिन्दा रहो जब तक ,लोग कमियां ही निकालते हैं , मरने के बाद जाने कहाँ से इतनी अच्छाइयां ढूंढ लाते है

खुद पे भरोसा है तो खुदा साथ है

खुद पे भरोसा है तो खुदा साथ है अपनो पे भरोसा हे तो दुआ साथ है जिदंगी से हारना मत ऐ दोस्त ज़माना हो ना हो ये दोस्त तेरे साथ है….

खुदा से मोहब्बत है

तुमसे नहीं तेरे अंदर बैठे खुदा से मोहब्बत है मुझे, तू तो फ़क़त एक ज़रिया है मेरी इबादत का!

मौका दे दे

गालिब ने भी क्या खूब लिखा है… दोस्तों के साथ जी लेने का मौका दे दे ऐ खुदा… तेरे साथ तो मरने के बाद भी रह लेंगें ।

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