तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज

तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज….. . प्यार मेँ ठुकराए लोग मुझसे देखे नहीँ जाते…..

जिंदगी का सफर कुछ यू तय हुआ

जिंदगी का सफर कुछ यू तय हुआ… की समझ नहीं आता की जिंदगी थी या मुट्ठी में भरी रेत…

नादानियाँ झलकती हैं

नादानियाँ झलकती हैं अभी भी मेरी आदतों से, मैं खुद हैरान हूँ के मुझे इश्क़ हुआ कैसे…!!!

जलवे तो बेपनाह थे

जलवे तो बेपनाह थे इस कायनात में… ये बात और है कि नज़र तुम पर ही ठहर गई…!

चल उस मोड़ से शुरू करें

चल उस मोड़ से शुरू करें फिर से जिंदगी… हर लम्हा जहाँ हसीन था और हम-तुम थे अजनबी…!

इतनी चाहत तो लाखो रुपये

इतनी चाहत तो लाखो रुपये पाने की भी नही होती..!! जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती हैं..!!

कैसे ना मर मिटू उस पे यारो

कैसे ना मर मिटू उस पे यारो … रूठ कर भी कहता है संभल कर जाना…!

कहते हैं ईश्क एक गुनाह है

कहते हैं ईश्क एक गुनाह है, जिसकी शुरूआत, दो बेगुनाहो से होती है..

प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे

प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे, मगर जब जब तुझे देखूँ दिल धङकने लगता है…!!!

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