मैं सदा बेतरतीब

मैं सदा बेतरतीब और बेहिसाब ही रहता हूँ, उलझी-उलझी सी जिंदगी मुझे पसंद है शायद…

मैं पसंद करता हूँ

मैं पसंद करता हूँ उन लोगो को… जो मुझे पसंद नहीं करते…!!!

कुछ कहा मैंने

ऐ उम्र ! कुछ कहा मैंने, पर शायद तूने सुना नहीँ.. तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर बचपना नहीं..!! हर बात का कोई जवाब नही होता हर इश्क का नाम खराब नही होता… यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले मगर हर नशे का नाम शराब नही होता… खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते… Continue reading कुछ कहा मैंने

मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों

सोनेरी संध्या… उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो खर्च करने से पहले कमाया करो ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे बारिशों में पतंगें उड़ाया करो दोस्तों से मुलाक़ात के नाम पर नीम की पत्तियों को चबाया करो शाम के बाद जब तुम सहर देख लो कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो अपने सीने… Continue reading मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों

हर नज़र से उम्मीद

हर नज़र से उम्मीद मत कर ऐ दिल! प्यार से देखना किसी की आदत भी होती है॥

रात तो आसानी से

दिललगी मै वक़्त-ए-तन्हाई ऐसा भी आता है, रात तो आसानी से गुजर जाती है, मगर अँधेरे नही जाते!!

मंजिले तो हासिल

मंजिले तो हासिल कर ही लेगे, कभी किसी रोज,,, ठोकरे कोई जहर तो नही, जो खाकर मर जाऐगे…..

पानी फेर दो इन

पानी फेर दो इन पन्नो पर.. ताकि धुल जाये स्याही..! ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है.. कभी कभी..!!!

कांच की गुडिया

कांच की गुडिया ताक में कब तक सजाये रखेंगे, आज नहीं तो कल टूटेगा, जिसका नाम खिलौना है..!!

मैं पूछता रहा

मैं पूछता रहा और फ़िर.. इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद । जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद ।। मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी । वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद ।।

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