रुके तो चाँद जैसी हैँ….. चले तो हवाओ जैसी हैँ….. वो माँ ही हैँ….. जो धुप मैँ भी छाँव जैसी हैँ….
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तेरा ऐ दिल
माफी चाहता हूँ गुनेहगार हूँ तेरा ऐ दिल, तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं
ढूंढ रहे हो
कमियां तो पहले भी थीं मुझमें.. अब जो बहाना ढूंढ रहे हो तो वो अलग बात है.. !!
यह समझ पाओ
किसी मासूम बच्चे की तबस्सुम मेँ उतर जाओ, तो शायद यह समझ पाओ खुदा ऐसा भी होता है…
ऐ दिल मुझसे
ऐ दिल मुझसे बहस ना कर अब चुप भी हो जा,, उसके बिना साल गुजर गया दिसंबर और गुज़र जाने दे
मिन्नतें करू मै
क्युं….उसको मनाने की मिन्नतें करू मै.. मुझे उस से मोहब्बत है….कोई मतलब तो नही..!!
किसी ना किसी
सीखा जाता है हर हुनर, किसी ना किसी उस्ताद से, मगर जिंदगी के सबक जमाने की ठोकरें देती हैं।
जिंदगी में होते है
कुछ ऐसे हादसे भी जिंदगी में होते है…. ऐ दोस्त.. इंसान बच तो जाता है पर जिंदा नहीं रहता…..।।।।
अच्छी होती है
शोहरत अच्छी होती है, गुरूर अच्छा नहीं होता.. अपनों से बेरुखी सेे पेश आना, हुज़ूर अच्छा नहीं होता !!
प्यार का अंदाज़
खुबसूरत हो लेकिन प्यार का अंदाज़ नहीं…. यही कमी हैं तुझमें के तेरा कोई हमराज नहीं