बदन के घाव दिखा कर जो अपना पेट भरता है, सुना है, वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है!
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शाम महके तेरे
शाम महके तेरे तसव्वुर से, शाम के बाद फिर सहर महके..
ज़बान कहने से
ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना, ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !!
कलम खामोश पड़ी है
कलम खामोश पड़ी है मेरी, या तो दर्द दे जाओ या फिर मोहब्बत..
हम इजहार करने मे
हम इजहार करने मे , थोडे ढीले हो गए । और इस बीच उन के, हाथ पीले हो गए.
घूम जाने के बिच में
धीरे से इतराना और तेज़ घूम जाने के बिच में, एक लम्हा तुम्हारी आगोश में कँही खो गया है।
एहसासों की नमी
एहसासों की नमी होना जरुरी है हर रिश्ते में….. रेत सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है…..
परिंदों ने नहीं
परिंदों ने नहीं जाँचीं कभी नस्लें दरख्तों की दरख़्त उनकी नज़र में साल या शीशम नहीं होता
इसी ख़याल से
इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू… तेरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले..
हँसते रहो तो
हँसते रहो तो दुनिया साथ है, आँसुओ को तो आँखों में भी जगह नहीं मिलती ।