जिंदगी तो अपने ही तरीके से

जिंदगी तो अपने ही तरीके से चलती है…. औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं। सुबहे होती है , शाम होती है उम्र यू ही तमाम होती है । कोई रो कर दिल बहलाता है और कोई हँस कर दर्द छुपाता है. क्या करामात है कुदरत की, ज़िंदा इंसान पानी में डूब जाता है… Continue reading जिंदगी तो अपने ही तरीके से

Teri yaad bht

Teri yaad bht tadpati hai mujhko Kabhi ake ek nazar dekhle mujhko

वो थे पापा

जब मम्मी डाँट रहीं थी तो कोई चुपके से हँसा रहा था, वो थे पापा. . . ❤ जब मैं सो रहा था तब कोई चुपके से सिर पर हाथ फिरा रहा था , वो थे पापा. . . ❤ जब मैं सुबह उठा तो कोई बहुत थक कर भी काम पर जा रहा था… Continue reading वो थे पापा

बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना

बुरी आदतें अगर, वक़्त पे ना बदलीं जायें… तो वो आदतें, आपका वक़्त बदल देती हैं”…..

जब तक हम ये जान पाते हैं

जब तक हम ये जान पाते हैं कि ज़िन्दगी क्या है तब तक ये आधी ख़तम हो चुकी होती है.

माँ-बाप का घर बिका तो बेटी

माँ-बाप का घर बिका तो बेटी का घर बसा, कितनी नामुराद है ये रस्म दहेज़ भी !!

हमसे क्या पूछते हो

हमसे क्या पूछते हो हमको किधर जाना है हम तो ख़ुशबू हैं बहरहाल बिखर जाना है

अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी

अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ

मैं भी कभी हँसता खेलता था

मैं भी कभी हँसता खेलता था, कल एक पुरानी तस्वीर में देखा था खुद को……..

फल तो सब मेरे दरख्तों के पके हैं

फल तो सब मेरे दरख्तों के पके हैं लेकिन इतनी कमजोर हैं शाखें कि हिला भी न सकूँ

Exit mobile version