एहसासों की नमी

एहसासों की नमी होना जरुरी है हर रिश्ते में….. रेत सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है…..

परिंदों ने नहीं

परिंदों ने नहीं जाँचीं कभी नस्लें दरख्तों की दरख़्त उनकी नज़र में साल या शीशम नहीं होता

इसी ख़याल से

इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू… तेरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले..

हँसते रहो तो

हँसते रहो तो दुनिया साथ है, आँसुओ को तो आँखों में भी जगह नहीं मिलती ।

गुमान न कर

गुमान न कर अपनी खुश नसीबी का.. खुदा ने गर चाहा तो तुझे भी इश्क़ होगा..

बख्शे हम भी न गए

बख्शे हम भी न गए, बख्शे तुम भी न जाओगे.. वक्त जानता है, हर चेहरे को बेनकाब करना..

ये ना समझना कि

ये ना समझना कि खुशियो के ही तलबगार है हम.. तुम अगर अश्क भी बेचो तो उसके भी खरीदार है हम..

तूने मेरी मोहब्बत की

तूने मेरी मोहब्बत की इंतेहा को समझा ही नहीं.. तेरे बदन से दुपट्टा भी सरकता था तो हम अपनी निगाह झुका लेते थे..

अजब हाल है

अजब हाल है, तबियत का इन दिनो, ख़ुशी ख़ुशी नहीं लगती और गम बुरा नहीं लगता !!

मुजे ऊंचाइयों पर देखकर

मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग, पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे..

Exit mobile version