रख अपने कानो को

रख अपने कानो को मेरे दिल पर.. ये धड़क नहीं सिसक रहा है…

हर किसी के आगे

हर किसी के आगे यूँ खुलता कहाँ है अपना दिल सामने दीवानों को देखा तो दीवाना खुला

वफ़ाई और बेवफाई

वफ़ाई और बेवफाई, क्रमशः नदियां और समंदर है… कितनी भी नदियां मिल जाए, समंदर खारा ही रहता है…

वैसे तो बहुत है मेरे पास

वैसे तो बहुत है मेरे पास, कहानियों के किस्से… पर खत्म हुए किस्सों में, खामोशियाँ ही बेहतर…

आस तो बहुत जगाती है

ओस आस तो बहुत जगाती है .. मगर प्यास किसकी बुझाती है …

तेरे वादे तु ही जाने

तेरे वादे तु ही जाने. मेरा तो आज भी वही कहना है , *जिस दिन साँस टूटेगी उस दिन ही तेरी आस छूटेगी|

देखा है क़यामत को

देखा है क़यामत को,मैंने जमीं पे नज़रें भी हैं हमीं पे,परदा भी हमीं से|

माना कि मोहब्बत

माना कि मोहब्बत बेइंतहा है आपसे… पर क्या करें, थोड़ा सा इश्क़ खुद से भी है हमें.. ।।

काश कोई ऐसा

काश कोई ऐसा कमाल हो जाये, . कमबख्त इश्क़ का, इन्तक़ाल हो जाये||

अच्छा है तुम्हारा दिल

अच्छा है तुम्हारा दिल, खवाबो से मान जाता है.. . कम्बक्त हमारा दिल है की रूबरू होने को तड़पता है….

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