ठोकरे खाकर भी

ठोकरे खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब..,,, राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते है…

हमने भी जी है

हमने भी जी है जिंदगी यारों, इश्क़ होने से इश्क़ खोने तक…!!

पिला दे आज खोल के

पिला दे आज खोल के सारे मयखाने की बोतलें.. अगर गम-ए-यार भूल गये, तो तेरा मयखाना ही खरीद लूँगा।

नसीबो में नहीं

नसीबो में नहीं जिनके कमाने और खाने मुझे उनके गुजारे अजीब लगे |

कलम रखना सीख लिया है

हमने भी कलम रखना सीख लिया है, यारों! जिस दिन वो कहेगी, ‘मुझे तुमसे मोहब्बत है’, दस्तख़त करवा लूँगा.!!

कई रिश्तों को

कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही निकला, जरूरत ही सब कुछ है, महोब्बत कुछ नहीं….

यहाँ हर कोई रखता है

यहाँ हर कोई रखता है, खबर गैरो के गुनाहों की… अजब फितरत हैं, कोई आइना रखता ही नही…..

जिस दिन सादगी

जिस दिन सादगी, श्रुंगार हो जाएगी… उस दिन, आईनों की हार हो जाएगी..!!

जिस दिन सादगी

जिस दिन सादगी, श्रुंगार हो जाएगी… उस दिन, आईनों की हार हो जाएगी..!!

उन्हें ठहरे समुंदर ने

उन्हें ठहरे समुंदर ने डुबोया जिन्हें तूफ़ाँ का अंदाज़ा बहुत था |

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