पानी फेर दो

पानी फेर दो इन पन्नों पर.ताकि धुल जाए स्याही ,, जिंदगी फिर से लिखने का मन करता है कभी -कभी ..

भुला ना पाए

कोई भी चीज़ ज़माने में न थी नामुमकिन… बस इक तू ही है जिसे हम भुला ना पाए कभी

जमाना जल जाएगा

ये जमाना जल जाएगा किसी शोले कि तरह, जब तेरे हाँथ कि उंगली में होगी मेरे नाम कि अंगूठी.!

उनकी गलियों में

उनकी गलियों में सफाई अभियान जरा ध्यान से चलाना यारों शायद बिखरे सपनों के मलबे के साथ मेरे दिल के टुकड़े भी मिले..

करीब आओगे

करीब आओगे तो शायद हमें समझ लोगे…, ये फासले तो ग़लतफ़हमियां बढ़ाते है..

पूरी शिद्दत से

जो भी सोचा ,पूरी शिद्दत से किया मैखाने से कभी मैं ,अपने पैरों पे नहीँ लौटा ,.,!!

दीवाना गलियों में

कोई दीवाना गलियों में सेर गुनगुनाता फिरता रहा कोई आवाज़ आती रही रात भर

दुश्मन के सितम

दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको, हम तो दोस्तों के रुठ जानेसे डरते है…

परवाह ना कर

तू चेहरे की बढ़ती सलवटों की परवाह ना कर हम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवां तुझको ।।

इल्म के दीवाने

हम मदरसे से अगर गुज़रे तो बच्चों ने कहा ,ये वहीँ हैं जो बिना इल्म के दीवाने हुए

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