nigahen fer Le

Tu Baar – Baar nigahen fer Le….. Beshaq har baar nigaho me rahega meri Ruh BaNker…..!

मोहब्बत से भरी

कहना ही पड़ा उसे शायरी पढ़ कर हमारी.. . कि कंबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी होती है

Khush Qismat Hain

Bohat Khush Qismat Hain wo Log Yaqeen Jano…!!!Jo Mangty B Nahi, Rotay B Nahi,Or Muhabbat Paa letay Hain….!!

हर बात पे

हर बात पे रंजिश, हर बात๑☆╮ पे हिसाब ______ ╰✰๑लगता है मैंने इश्क नहीं๑☆╮ नोकरी कर ली

बहुत थक जाता है

बहुत थक जाता है इंसान आशक़ी के बाजार में इश्क के हिस्से में भी एक इतवार आना चाइये

मनुष्य के स्वभाव

सुधरना-बिगडना मनुष्य के स्वभाव पर निर्भर करता है ना की माहौल पर l रामायण में दो पात्र हैं विभीषण और कैकयी ! ंविभीषण रावण के राज्य में रह कर के भी नही बिगडा और कैकयी राम के राज्य में रहकर भी नही सुधरी l

प्यार भी न जाने

प्यार भी न जाने अब किस किस्म का होने लगा, रुह से ज्यादा सजदा अब जिस्म का होने लगा

लाखों की तकदीर

ख़ुदा तूने तो लाखों की तकदीर संवारी है… मुझे दिलासा तो दे, के अब मेरी बारी है…!!!!

मैं अपनी चाहतों

मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे …

जब भी दर्द दिया

उसे पता था कि उसकी हसी मुझे पसन्द है.. इस्लिये उसने जब भी दर्द दिया मुस्कुराकर दिया..!!

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