कौन गुज़ारता है

कौन गुज़ारता है यहाँ जिंदगी.. याराे… वह तो खुद-ब-खुद गुज़रती रहती हैं…!!

बंद लिफाफे पे

बंद लिफाफे पे रखी चिट्ठी सी है ये जिंदगी.. पता नहीं अगले ही पल कौन सा पैगाम ले आये..

करीब रिश्तों के

करीब रिश्तों के बहाने सब ही आते हैं जताने आ भी जाते हैं, निभाने कम ही आते हैं|

मेरा दिल भी

मेरा दिल भी कितना भोला है टूट कर रोते हुए भी, अपने सनम की जिंदगी की ख़ुशी की दुआ मांगता हैं।

हमारे दिल में

हमारे दिल में छूपे नफरत के अंगारो को ओर हवा ना दे । वरना तू इस आग मे जलकर राख हो जायेगा ।।

जहाँ कदर न हो

जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है, चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।

करवट बदल के

करवट बदल के भी देखा शायद इस तरफ चैन आये मगर वो तेरी याद ही क्या जो हर जगह ना तड़पाये

तेरी चाहत में

तेरी चाहत में,तेरी मुहब्बत में,तेरी जुदाई में , कोई रोज़ टूटता है पर आवाज नहीं करता|

तेरी जगह आज भी

तेरी जगह आज भी कोई नही ले सकता , पता नही वजह तेर खूबी है या मेरी कमी..!!

तेरे मुस्कुराने का असर

तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है… और लोग पूछ लेते हैं.. दवा का नाम क्या है….

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