अंदाज़ ऐ मोहब्बत

अंदाज़ ऐ मोहब्बत है बड़ा नटखट सा उन का… बांहों में गिर कर कहते हैं सम्भालो हम को….

Akele rehne ka

Akele rehne ka bhi ek alag hi sukoon hai, Na kisi ke wapas aane ki ummeed, na kisike chhod jane ka dar!!

तूने तो लाखों की

ख़ुदा तूने तो लाखों की तकदीर संवारी है… मुझे दिलासा तो दे, के अब मेरी बारी है…!!!!

nigahen fer Le

Tu Baar – Baar nigahen fer Le….. Beshaq har baar nigaho me rahega meri Ruh BaNker…..!

मोहब्बत से भरी

कहना ही पड़ा उसे शायरी पढ़ कर हमारी.. . कि कंबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी होती है

Khush Qismat Hain

Bohat Khush Qismat Hain wo Log Yaqeen Jano…!!!Jo Mangty B Nahi, Rotay B Nahi,Or Muhabbat Paa letay Hain….!!

हर बात पे

हर बात पे रंजिश, हर बात๑☆╮ पे हिसाब ______ ╰✰๑लगता है मैंने इश्क नहीं๑☆╮ नोकरी कर ली

बहुत थक जाता है

बहुत थक जाता है इंसान आशक़ी के बाजार में इश्क के हिस्से में भी एक इतवार आना चाइये

इजहार करना नहीं आता

चलो माना की हमें प्यार का इजहार करना नहीं आता, जज़्बात ना समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं.

तेरे काफ़िले मेँ

मुझे तेरे काफ़िले मेँ चलने का कोई शौक नहीँ. मगर तेरे साथ कोई और चले मुझे अच्छा नहीँ लगता

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