मैंने कब तुझसे

मैंने कब तुझसे तेरे जाने की वजह पूछी है,पर मुझे छोड़ने से पहले कोई इलज़ाम तो लगा !!

शब्दों को अधरों पर

शब्दों को अधरों पर रखकर दिल के भेद ना खोलो, मैं आँखों से सुन सकता हूँ तुम आँखों से बोलो।

वो जो तस्वीर से

वो जो तस्वीर से गुफ़्तगू का हुनर जानते हैं … कहाँ है मोहताज किसी से बातचीत के।

जिंदगी किसने बरबाद की

उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की , हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली…

बेगानावार ऐसे वो

बेगानावार ऐसे वो गुजरे करीब से, जैसे कि उनको मुझसे कोई वास्ता न था।

दिल में कमी

दिल में कमी कुछ ऐसी महसूस हो रही है, नजदीक आके जैसे बहुत दूर हो गये है।

तुम्हारी बेरूखी ने

तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की , तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहा जाते।

कुछ तुम कोरे कोरे से

कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!

सब्र रखते हैं

सब्र रखते हैं , बड़े ही सब्र से हम वरना ज़िंदगी जीना ….कोई आसां तो नहीं……!!

जाने वो दिल के ज़ख्म

जाने वो दिल के ज़ख्म हैं या तेरी यादों के फूल, रातों को कोई चीज महकती जरूर है..

Exit mobile version