एक तज़ुर्बा है

हर एक लकीर एक तज़ुर्बा है जनाब .. .. झुर्रियाँ चेहरों पर यूँ ही आया नहीं करती !!

दो उंगलिया जुडने से

कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन… के सिर्फ दो उंगलिया जुडने से दोस्ती फिर शुरू हो जाती थी|

मैं क्या मिसाल दूँ

अब अपने शख्सियत की भला मैं क्या मिसाल दूँ यारों, न जाने कितने लोग मशहूर हो गये मुझे बदनाम करते करते !

कहां तलाश करोगे

कहां तलाश करोगे तुम दिल हमारे जैसा, जो तुम्हारी बेरूखी भी सहे ओर प्यार भी करे !

भूलना सीखिए जनाब

भूलना सीखिए जनाब…..। एक दिन दुनिया भी वही…. करने वालीहै.!!

धड़कनों ने बताया

धड़कनों ने बताया मोहब्बत आज भी उसी से है|

बच्चों सी बात करते हैं।।

चलो सब एक नयी शुरुआत करते हैं। बड़े होते हुए भी बच्चों सी बात करते हैं।।

फिर यूँ हुआ कि

फिर यूँ हुआ कि सब्र की उँगली पकड़कर हम.. इतना चले कि रास्ते हैरान हो गए..

इक मोहब्बत ही है 

इक मोहब्बत ही है जिसे हार जीत से , परे रखोगे तो जीत जाओगे ।

निंद ले गये हो तुम

इतने तो लम्हे भी नही बिताये मेने तेरे संग.. जितनी रातो की निंद ले गये हो तुम छिन के..

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