इक तमन्ना के लिए

इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!! ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!

न रुकी वक़्त की गर्दिश

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला…… पेड़ सूखा तो परिन्दों ने भी ठिकाना बदला……

यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से

यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी… दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!

देख कर उसकी आँखो में

देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी… दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…

दौड़ती भागती दुनिया

दौड़ती भागती दुनिया का यही तोहफा है, खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है..!!

यही हुनर है

यही हुनर है उस स्याही का जो हर किसी की कलम में होती नहीं..!

सिर्फ तेरी यादे है

हमारे पास तो सिर्फ तेरी यादे है, जिंदगी तो उसे मुबारक हो, जिसके पास तू है ….

ऐ किराये के कातिलों

ऐ किराये के कातिलों बताओ कितनी रकम लगेगी , मुझे इश्क का सर कलम चाहिए।।।

तुझे भुलाने को

तुझे भुलाने को एक पल चाहिए.. वो पल जिसे मौत कहते हैं लोग….

अब क्या मुकाम आता है

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है हुज़ूर, सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..

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