यू तो फूल बहूत थे बागो मे पर हमे पंसद वो था जो सब से अकेला था..!!!!
Tag: Hindi Shayris
रोज सोचता हूँ
रोज सोचता हूँ तुझे भूल जाऊ, रोज यही बात…. भूल जाता हूँ
कोई पटवारी वाकिफ़ है
कोई पटवारी वाकिफ़ है क्या तुम्हारा, अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम करवानी थी
कोई ये कैसे बताये
कोई ये कैसे बताये के वो तन्हा क्यों हैं वो जो अपना था वो ही और किसी का क्यों हैं यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों हैं यही होता है तो आखिर यही होता क्यों हैं |
रात भर बातें करते हैं
रात भर बातें करते हैं तारे रात काटे किधर कोई तनहा…
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ साथ नहीं चलते… रिश्ते एक बार बनते हैं… फिर जिंदगी रिश्तो के साथ साथ चलती है… !
मेरे हिस्से की
मेरे हिस्से की दुनिया बनाई ही नहीं गई तेरे नाम की साँसों के संग जी रहा हूँ मैं…
ख़ुद अपना ही साया
ख़ुद अपना ही साया डराता है मुझे, कैसे चलूँ उजालों में बेख़ौफ़ होकर?
भूख रिश्तों को
भूख रिश्तों को भी लगती है, प्यार कभी परोस कर तो देखिए।
ख़रीद सको न जिसको
ख़रीद सको न जिसको दौलत लूटा कर भी बिक जाता है वो तो केवल एक मुस्कान में !