इस इंतज़ार में हूँ

ज़िंदगी ये चाहती है कि…… ..ख़ुदकुशी कर लूँ …. मैं इस इंतज़ार में हूँ कि… कोई हादसा हो जाये

किसे आवाज़ दें

शबे -ग़म क्या करें कैसे गुज़ारें किसे आवाज़ दें, किसको पुकारें

भटक गया था

मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..

रूठना भी बर्दाश्त नहीं

दोहरी हुकूमत जताना कोई तुमसे सीखे, खुद तो बात करेंगे नहीं……. उस पर मेरा रूठना भी बर्दाश्त नहीं ।।

आरजु पुरी होगी

जरा शिद्दत से चाहो तभी आरजु पुरी होगी, हम वो नहीँ जो तुम्हेँ ख़ेरात मेँ मिल जाए..

मैं ज़माने में

तेरी चाहत ने अगर मुझको न मारा होता, मैं ज़माने में किसी से भी न हारा होता….

तुम उदास तो नही

दिल बेचैन बहुत है आज !!! कहीं तुम उदास तो नही

सिसकते हुए शब्दों में

कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा, सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था…!!!

एक बार कह दो

दबे दबे होंठो से कुछ बात आज कह दो, दिल मैं जो दबाये हैं वो अरमान आज कह दो, कह दो कि… मुझसे कितना प्यार करते हो, कह दो कि… दिल में सिर्फ मुझको रखते हो, …न कह सको अगर होंठो से कुछ, तो प्यार के कुछ ख़त मेरे नाम कर दो, कुछ तो कहो… Continue reading एक बार कह दो

हाथ बढ़ा कर देखो

फासला नज़रों का धोखा भी हो सकता है। वो मिले ना मिले तुम हाथ बढ़ा कर देखो

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