मोहब्बत बुरी है… बुरी है मोहब्बत, कहे जा रहे है… किये जा रहे है…
Tag: Hindi Shayri
छुपे छुपे से रहते हैं
छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते, कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते…..
कैसे लिखूं अपने
कैसे लिखूं अपने जज्बातों को मैं, दिल अब उस मुकाम पर है , कि … अश्कों की रौशनाई सूख ही गयी है
लबों से गुफ्तगू
लबों से गुफ्तगू नहीं…आँखों का कलाम अच्छा है…. इन हुस्न वालों से बस…दूर का सलाम अच्छा है..
खुद के रोने की
खुद के रोने की सिसकियाँ अब सुनाई नही देती …. हमनें आँसुओं को भी डांट कर समझा रखा है .
किसकी खातिर अब
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल.. अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !
सिर्फ मोहब्बत ही
सिर्फ मोहब्बत ही ऐसा खेल है.. जो सिख जाता है वही हार जाता है..
किताबें कैसी उठा लाए
किताबें कैसी उठा लाए मय-कदे वाले, ग़ज़ल के जाम उठाओ बड़ा अँधेरा है…
हम वही हैं
हम वही हैं,बस ज़रा ठिकाना बदल लिया है तेरे दिल से निकलकर अब ख़ुद में रहते हैं |
महसूस कर रहें हैं
महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से… याद रखना अगर हम बदल गये तो, मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!