काश दर्द के भी पैर होते

काश दर्द के भी पैर होते, थक कर रुक तो जाते कहीं

थकता जा रहा हूँ

रोज़ रोज़ थकता जा रहा हूँ तेरा इंतज़ार करते करते, रोज़ थोड़ा थोड़ा टूटता जा रहा हूँ तुजसे एक तरफ़ा प्यार करते करते|

कभी तो खर्च कर

कभी तो खर्च कर दिया करो.. खुद को मुझ पर… तसल्ली रहें..मामूली नही है हम|

शमा बे दाग है

शमा बे दाग है जब तक उजाला न हुआ हुस्न पे दाग है गर चाहने वाला न हुआ|

नसीहत सभी देते हैं

नसीहत सभी देते हैं गम को भुलाने की, बताता वजह कोई नहीं मुस्कराने की…

वक्त सिखा देता है

वक्त सिखा देता है इंसान को फलसफा जिंदगी का फिर तो नसीब क्या लकीर क्या और तकदीर क्या ….

हंसने पे भी

हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |

ग़ज़ब ख़ूबसूरत है

ग़ज़ब ख़ूबसूरत है, तुम्हारा हर अन्दाज़, इश्क़ में जलने का, मुहब्बत में जलाने का..!!

तेरे उतारे हुए

तेरे उतारे हुए दिन पहनके अब भी मैं, तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ !!

वो बुलंदियाँ भी

वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब, जहाँ इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जाये ।

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