समझा दो अपनी यादो को, वो बिन बुलाए पास आया करती है, आप तो दूर रहकर सताते हो मगर, वो पास आकर रुलाया करती है…
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देखा किये वो
देखा किये वो मस्त निगाहों से बार बार.. जब तक शराब आये कई दौर हो गए..!
इतने क़रीब ना था
मेरे घर से मयखाना इतने क़रीब ना था…!!! दोस्तों… कुछ लोग दूर होते गये और वो पास आ गया…!!!
खुशियाँ उतनी ही अच्छी
खुशियाँ उतनी ही अच्छी… जितनी मुट्ठियों मे समा जाए…. छलकती ,बिखरती खुशियो को… अक्सर नजर लग जाया करती है …
kismat mai nahi
Tune ek aise shaksh ko chaha hai RAJ jise bhoolna teri kismaat mai nahi or pana teri kismat mai nahi……..
उस ज़ुल्फ़ के फंदे
उस ज़ुल्फ़ के फंदे से निकलना नहीं मुमकिन हाँ माँग कोई राह निकाले तो निकाले|
मिट जाए गुनाह्
मिट जाए गुनाह् का आलम ही जहां से, अगर पुख़्ता यकीन हो के रब देख रहा है…॥
इश्क का होना
इश्क का होना भी लाजमी है शायरी के लिये,,,, कलम लिखती तो आज हर लिपिक ग़ालिब होता …..
आशिको का शहर
ये आशिको का शहर हैं,, जनाब..! यहाँ सवेरा सूरज से नहीँ किसी के दीदार से होता हैं..
विपत्ति का जीवन
विपत्ति का जीवन मे आना । “पार्ट ओफ लाइफ” है।और और उस विपत्ति में मुस्कुरा कर शांति से बाहर निकलना।