गुड़ियों से खेलती

गुड़ियों से खेलती हुई बच्ची की गोद में आंसू भी आ गया तो समंदर लगा हमें

एक ज़रा सी

एक ज़रा सी जोत के बल पर अंधियारों से बैर पागल दिए हवाओं जैसी बातें करते हैं

खुद को बिखरते

खुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते फिर भी लोग खुदाओं जैसी बातें करते हैं

मेरे खुदा मुझे

मेरे खुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे मैं जिस मकान में रहता हूँ उसको घर कर दे

तुमको मुबारक हो

मकां से क्या मुझे लेना मकां तुमको मुबारक हो मगर ये घासवाला रेशमी कालीन मेरा है।

ज़िन्दगी में प्यार

ज़िन्दगी में प्यार का पौधा लगाने से पहले जमीन परख लेना…………. हर एक मिट्टी की फितरत में वफा नही होती………

मुझे प्यास लिख दे

मेरे खुदा उसको मेरे आस-पास लिख दे । पानी बना उसको मुझे प्यास लिख दे ।।

अनदेखे धागों में

अनदेखे धागों में यूँ बाँध गया कोई …!! के वो साथ भी नहीं, और हम आज़ाद भी नहीं !

जिनको है मलाल

जिनको है मलाल कि कोई हमसफ़र नहीं, मैं कहता हूँ कि उनको खुदा ने ज़िन्दगी बख्श दी

बहुत जलील था

बहुत जलील था वो दिन भी, मेरे लिए…. उधर मोहब्बत किसी और की होने जा रही थी….. इधर लोग कह रहे थे. . .. . . .. . भाई एक “पूड़ी” और देना अच्छी नरम वाली।।।

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