दिल में दर्द था

आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया… दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!

मन करता है

बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, कि धुल जाए स्याही, ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का मन करता है कभी- कभी।।

किसी और दुनियाँ में

मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनियाँ में, . . . इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं…

जीतना सीख लो

जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो , हारना तो मौत के सामने फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…

मुस्कुराहटों के पहरे

जख्म तो हम भी अपने दिल पर तुमसे भी गहरे रखते हैं,… पर हम अपने जख्मों पर मुस्कुराहटों के पहरे रखते है..!!

कविताएँ लिखता था

धुप से जल कर मरा है वो, कमबख्त चाँद पर कविताएँ लिखता था..!!

रंग देती हैं यादें तेरी..!!

ज़माने के लिए तो कुछ दिन बाद होली है.. लेकिन मुझे तो रोज़ रंग देती हैं यादें तेरी..!!

ज़ालिम है तेरी अंगड़ाई

दोनों हाथों से लूटती है हमें , कितनी ज़ालिम है तेरी अंगड़ाई…!

सब फिजूल है

चाहे फेरे ले लो या कहो कबूल है अगर दिल में प्यार नहीं तो सब फिजूल है

हादसा नहीं होता…!!

दिमाग का दिल से अगर वास्ता नहीं होता ! क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता…!!

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